इलाज में लापरवाही मामले में फोर्टिस के डॉक्टर को क्लीनचिट, दिल्ली हाई कोर्ट ने लगाई रोक
सेहतराग टीम
दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली मेडिकल काउंसिल के आदेश पर फोर्टिस के डॉक्टर को ब्रेन डैमेज बच्चे के इलाज में लापरवाही करने के मामले में क्लीनचिट देने पर रोक लगा दी। दरअसल दो साल के बच्चे की तरफ से उसकी मां ने याचिका दायर की थी जिसके बाद न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने दिल्ली मेडिकल काउंसिल, मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया और और फोर्टिस अस्पताल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका में दिल्ली मेडिकल काउंसिल द्वारा शालीमार बाग स्थित फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टर को दी गई क्लीनचिट को चुनौती दी गई थी।
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याचिकाकर्ता ने दावा किया गया है कि अधिकार नहीं होने के बावजूद भी दिल्ली मेडिकल काउंसिल ने विशेषज्ञ निकाय के रूप में मामले की अध्यक्षता की और पूरे मामले को अनुशासनात्मक कार्यवाही में परिवर्तित कर दिया। इसके तहत कहा गया कि अस्पताल के डॉक्टरों की ओर से कोई चिकित्सकीय लापरवाही नहीं की गई थी। याचिका में आरोप लगाया गया है कि 13 अगस्त, 2019 को दिल्ली मेडिकल काउंसिल ने अवैध रूप से यह निष्कर्ष निकालने के लिए एक आदेश पारित किया कि अस्पताल के रिकॉर्ड के अनुसार मानक चिकित्सा प्रोटोकॉल का पालन किया गया था और इसमें डॉक्टर की तरफ से कोई लापरवाही नहीं की गई थी।
याचिका में दावा किया गया कि अस्पताल ने सीजेरियन डिलीवरी के दौरान बच्चे के मस्तिष्क के रक्तस्राव को छिपाया था और इसे छिपाने के साथ ही शिशु को समय पर उपचार से वंचित रखा गया। इसी वजह से चोट अपरिवर्तनीय सीमा तक बढ़ गई थी। अधिवक्ता सचिन जैन ने अदालत को बताया कि इस घटना के कारण बच्चे को वेस्ट सिंड्रोम नामक एक दुर्लभ बीमारी विकसित हुई और इसका पता घटना होने के सात महीने के बाद एमआरआइ के जरिये चला।
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दिल्ली मेडिकल काउंसिल ने लापरवाही मामले में डॉक्टर को दी थी क्लीनचिट, बच्चा जब पैदा हुआ था तो मस्तिष्क से रक्तस्राव हुआ जिसे छिपाया गया था
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